(१) जीवन में मरण का ,
प्रभु चरणों में तरण का ,
शरणों में शरण का ,
बड़ा ही महत्व है .
(२) रही में पाथ का ,
मित्रों में साथ का ,
तीर्थंकरो में आदिनाथ का ,
बड़ा ही महत्व है ।
Monday, July 13, 2009
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